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ऑनलाइन परमिशन के बाद महाकाल में श्रद्धालु कम
नि:शुल्क मिल रही अनुमति, एक आवेदन पर 5 लोग कर सकते दर्शन
उज्जैन:लॉकडाउन के बाद अनलॉक 1.0 अंतर्गत ८ जून से महाकालेश्वर मंदिर में लोगों को भगवान के दर्शन की अनुमति प्रशासन द्वारा दी गई। दर्शनों के लिये महाकाल मंदिर के मोबाइल एप पर पूर्व से अनुमति लेना अनिवार्य है साथ ही मंदिर में कोरोना नियमों का पालन भी करना होगा। इस व्यवस्था को लागू हुए अभी आठ दिन हो चुके हैं और अब अनुमति मिलने के बावजूद लोग दर्शनों को नहीं पहुंच रहे।
वर्तमान में किसी भी व्यक्ति को महाकालेश्वर भगवान के दर्शन करना है तो उन्हें महाकाल मंदिर के मोबाइल एप पर ऑनलाइन अनुमति लेना होगी। एक आवेदन पर 5 लोगों को दर्शन की अनुमति मिल रही है। यह व्यवस्था आसान और सरल भी है जिसे घर बैठे कोई भी व्यक्ति अपना कर दर्शनों की अनुमति प्राप्त कर सकता है। मंदिर प्रशासन द्वारा सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक अलग-अलग स्लाट में लोगों को एसएमएस के माध्यम से सूचना तुरंत दी जाती है। शुरूआत में 2200 लोगों को दर्शनों की अनुमति दी गई जिसे बढ़ाकर 4000 कर दिया गया है। एक स्लाट में 1000 लोगों को दर्शनों की अनुमति दी जाती है। पिछले 8 दिनों में ऑनलाइन दर्शन की अनुमति लेने वालों में उत्साह रहा और लोगों को एक दो दिन बाद की अनुमति भी दी गई और यह व्यवस्था अब भी निरंतर जारी है।
ऐसे कम हो रही लोगों की संख्या
मंदिर प्रशासन की एप पर कोई भी व्यक्ति अपने मोबाइल से बिना किसी शुल्क के महाकाल मंदिर में दर्शनों की सुविधा प्राप्त कर सकता है। एक आवेदन पर अधिकतम 5 लोगों को दर्शनों की अनुमति मिल सकती है। आसपास के शहरों में रहने वाले लोग घर बैठे अपने मोबाइल से ऑनलाइन अनुमति प्राप्त कर लेते हैं, लेकिन तय समय सीमा में मंदिर तक नहीं पहुंच पाते। ऐसी स्थिति में अनुमति जारी होने के बावजूद दर्शन करने वाले लोगों की संख्या आधी रह जाती है।
इस प्रकार मिलता है प्रवेश :
ऑनलाइन अनुमति का एसएमएस मिलने के बाद लोगों को तय सीमा सीमा में महाकालेश्वर मंदिर पहुंचना होता है। लोगों को शंख द्वार से प्रवेश दिया जाता है। यहां पर मंदिर कर्मचारियों द्वारा इलेक्ट्रॉनिक थर्मामीटर से तापमान मापा जाता है साथ ही मोबाइल में अनुमति भी चेक की जाती है। मंदिर में प्रवेश करने वाले लोगों को किसी भी बेरिकेड्स, रेलिंग को छूने की अनुमति नहीं है। इसके अलावा फूल, प्रसाद भी मंदिर में ले जाना प्रतिबंधित है।